होली के पौराणिक लोकगीत
अवध में होली खेलैं रघुवीरा
अवध में होली खेलैं रघुवीरा।
ओ केकरे हाथ ढोलक भल सोहै,
केकरे हाथे मंजीरा।
राम के हाथ ढोलक भल सोहै,
लछिमन हाथे मंजीरा।
ए केकरे हाथ कनक पिचकारी
ए केकरे हाथे अबीरा।
ए भरत के हाथ कनक
पिचकारी शत्रुघन हाथे अबीरा।
अवध में होली खेलैं रघुवीरा
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https://bhajan-lyrics-at.themoralstories.in/2023/02/paniya-bhaiyle-laal.html
ReplyDeleteपनिया भइले लाले लाल
यमुना तीरे खेले श्याम होलिया
पनिया भइले लाले लाल
यमुना तीरे खेले श्याम होलिया